हिन्दी विभाग अपनी छात्राओं की साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिकसमझ के विकास हेतु साल भर कई किस्म के आयोजन करता/कराता है। इन आयोजनों में मिरांडा हाउस के साथ-साथ दूसरे महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी शिरकत करने का पूरा मौका मिलता है। साहित्योत्सव विभाग का ऐसा आयोजन है जिसमें अंतरमहाविद्यालयीय स्तर पर प्रतियोगिताएँ रखी जाती हैं। उत्साह और उत्सव अध्ययन को और अधिक रुचिकर बना देते हैं। ‘लेखक से मुलाकात’ जैसे कार्यक्रम के द्वारा छात्राओं को लेखक/लेखिका से,उनकी रचनाओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। साथ ही रचनाकारों की रचना-प्रक्रिया को परस्पर संवाद द्वारा जानने-समझने का अवसर मिलता है। ये मुलाकात और संवाद छात्राओं के मन में साहित्य के प्रति रूचि पैदा करता है। उन्हें पाठ्यक्रम के अलावा अन्य रचनाएँ पढ़ने को प्रेरित करता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्राएँ अब तक राजेन्द्र यादव,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश,मैत्रेयी पुष्पा,अनामिका,असगर वजाहत,मृणाल पाण्डेय,हरिराम मीणा,ममता कालिया,गीतांजलि श्री जैसे चर्चित रचनाकारों से मिल चुकी हैं। अपने समय और समाज को छात्राएँ साहित्येतर अनुशासनों से भी समझे और जाने इस उद्देश्य से हर वर्ष व्याख्यानों और चर्चा-परिचर्चाओं का आयोजन भी किया जाता है। इसी क्रम में पिछले ही वर्ष प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक प्रो. सुधीर चंद्र के साथ “वर्तमान समय में गाँधी” विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। पाठ्यक्रम को रोचक और अनुभवगम्य बनाने के लिए भी विभाग समय-समय पर विशेषज्ञों को आमंत्रित करता है। विभाग ने ‘लोकनाट्य नौटंकी: संवाद और प्रदर्शन’का आयोजन विद्यार्थियों को लोकनाट्यों के स्वरूप से अवगत करवाने के उद्देश्य से किया। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने यदि हमें घर की चारदीवारों तक सीमित कर दिया तो भी विभाग ने तकनीक के पंख पसार कर ‘सिनेमा में वाचिक विविधता’ वेबिनार का सफल आयोजन किया और प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक रविकांत ने इस विषय पर बड़े ही रोचक ढंग से विद्यार्थियों को उपयोगी जानकारी दी।समय की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विभाग निरंतर छात्रोंपयोगी कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए प्रतिबद्ध है।